एक रचनाकार गृहणी कुछ भी बर्बाद होते नहीं देख सकती। वह हर चीज़ और बात को एक नया रूप दे सकती है। इसी का एक प्रत्यक्ष उदाहरण दिया है एक कवि, लेखक, ब्लागर वाणी गीत ने। आज "भुक्खड़ घाट पर उन्होंने बनाया है बची हुई खिचड़ी से शानदार, स्वादिष्ट ढोकला-
आधा कटोरी बेसन
एक कटोरी सूजी
दो हरी मिर्च बारीक कटी हुई
दो प्याज बारीक कटे
दो टमाटर कटे हुए
नमक, पिसी लाल मिर्च, हल्दी स्वादानुसार
एक बड़ा चम्मच तेल
1/4 छोटा चम्मच पिसी हींग
कुछ पत्ते मीठा नीम (करी पत्ता)
- खिचड़ी में बेसन और सूजी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें. खिचड़ी अधिक गाढ़ी हो तो थोड़ा पानी छिड़क कर मिलायें.
- अब नमक, मिर्च, हल्दी, जीरा मिलाकर पंद्रह - बीस मिनट भाप में पका लें.
- इसके बाद ठंडे होने पर चाकू से ढ़ोकले के आकार में काट लें.
- (चाहें तो ऐसे सादे भी पेरी पेरी गार्लिक डिप और टोमैटो सॉस के साथ सर्व करें.)
- अब कड़ाही में एक बड़ा चम्मच तेल डालें. राई, हींग, मीठा नीम, जीरा और बारीक कटी हरी मिर्च का छौंक लगायें.
- फिर बारीक कटे प्याज डालकर भून लें. उसके बाद बारीक कटे टमाटर डालें. अच्छी तरह भूनकर तेल छोड़ने पर थोड़ा पानी डालें.
- उबाल आने पर नींबू का रस मिलाकर खिचड़ी के ढ़ोकले पर डाल दें .
- बारीक कतरा हरा धनिया मिलायें.
- ढ़ोकले के पानी सोख लेने पर गार्लिक डिप और टोमैटो सॉस के साथ परोसें .
BY
उव्वाहहहह..
ReplyDeleteजायकेदार
सादर..